अनिद्रा रोग के कारण
अनिद्रा रोग के कारण – अनिद्रा रोग मानसिक रूप से भयंकर यातना देने वाला रोग कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी। स्वभाविक नींद ना आए तो कोई भी व्यक्ति बुरी तरह से परेशान हो जाता है।
अनिद्रा रोग के लिए जिम्मेदार कारण प्रत्यक्ष और परोक्ष कई हो सकते हैं। यहाँ मुख्य कारणों के अंतर्गत मानसिक तनाव, चिंता, किसी प्रकार का गम, उत्तेजना, उत्साह, हर्ष, जोश, उमंग, घबराहट, बेचैनी, डर-भय, व्याकुलता, कब्ज, पाचन विकार, अत्यधिक उपवास करना, अत्यधिक चाय, कॉफी, कहवा आदि का प्रयोग करना, अत्यधिक भोजन करना, औषधियों के दुष्प्रभाव, अनेक जानलेवा रोग आदि प्रमुख रूप से सामने रखे जा सकते हैं। प्रमुख रूप से अनिद्रा यदि देखा जाये तो किसी रोग विशेष के कारण, किसी खुशी के कारण या किसी दुख के कारण मानसिक कारण से होती है।
कुछ लोग रात-दिन बुरे विचारों में डूबे रहते हैं। बुरे विचार निद्रा का नाश कर देते हैं। सोते समय तरह-तरह की कल्पनाओं में खोये रहने से नींद नहीं आती। भूत-भविष्य, वर्तमान की उधेड़भुन, उलझनों, समस्याओं से जूझते रहने वालों को प्रायः नींद नहीं आती और रात-भर करवटें बदलते रहते हैं। काम-क्रोध और चिंताओं के कारण नींद लोप हो जाती है। कुछ लोगों को तो स्वभाव से ही अनिद्रा रोग हो जाता है।
शारीरिक वेदना, उदरशूल, सिरदर्द, कैंसर, आध्यमान, हृदय रोग, श्वास रोग, शोध, ज्वर, रक्त में मूत्र-विष यानि यूरेमिया रोग, दिमाग की धमनी का कठोर हो जाना, दिल की कमजोरी, कृमि-रोग, आँत्र-दाह, क्षय, टायफाइड, यकृत की कार्य प्रणाली में विकृति उत्पन्न हो जाना, बहुमूत्र, मानसिक श्रम, मस्तिष्क में रक्त की अधिकता, आवेश, मानसिक रोग, रक्त का अधिक दबाव आदि विशेष रोगों की वजह से भी रोगी अनिद्रा रोग का शिकार हो जाता है। अधिकांश मामलों में मानसिक कारणों या मानसिक रोगों की वजह से नींद का अभाव हो जाता है।
जिनके पास ज्यादा पैसा होता है ऐसे लोग भी अनिद्रा के शिकार हो जाते है। धनी लोगों को एक ही चिंता सताती रहती है की मेरा धन कैसे बढ़े। मेरा धन सुरक्षित रहे, मेरा धन चोरी न हो जाये। धनी लोग इस तरह की चिंताओं से ग्रस्त रहते हैजिसका परिणाम होता है कि उनको नींद नहीं आती है। अगर आपका मन किसी एक विषय पर हर समय लगा रहता है तो अपनी नींद उड़ जाएगी और आप अनिद्रा रोग से ग्रस्त हो जायेगें।
प्रेमी-प्रेमिका भी अनिद्रा रोग के शिकार होते है। किसी के प्यार में पड़ने पर नींद उड़ जाती है। प्रेमी को प्रेमिका की याद में नींद नहीं आती है और प्रेमिका को प्रेमी की याद में नींद नहीं आती है।
समय से नहीं सोने के कारण भी नींद उड़ जाती है। अनियमित सोने वाले लोग अनिद्रा के शिकार हो जाते है। कुछ लोग दोपहर, शाम या सुबह जब उनको फुरसत मिलता है सो जाते है। जिन लोगो का सोने का निश्चित समय नहीं होता है ऐसे लोग को भी नींद नहीं आती है।
अनिद्रा के एक कारण उम्र बढ़ना भी है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ नींद कम होने लगती है। बूढ़े लोग पूरी रात नहीं सो पाते है। बुढ़ापे में नींद कम आती है।
बच्चों को ज्यादा नींद आती है लेकिन बच्चे जैसे जैसे बड़े होते है उनकी नींद काम होने लगती है। 60 साल से अधिक उम्र के लोग अनिद्रा रोग के शिकार ज्यादा होते है।
आरामफरोश जीवन जीना भी अनिद्रा का कारण है। ऐसो-आराम की जिंदगी जीने वाले लोगों को नींद कम आती है। ऐसो-आराम जीवन जीने से शारीरिक- श्रम नहीं हो पाता है, जिसका परिणाम होता है अनिद्रा रोग।
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