अनिद्रा का घरेलू उपाय
अनिद्रा का घरेलू उपाय – जिन मूल कारणों से अनिद्रा रोग की उत्पत्ति हो रही हो, उनका समूल नाश हो जाने के बाद अनिद्रा रोग स्वयं ही नष्ट हो जाता है और स्वाभाविक नींद आने लगती है। अनिद्रा रोग मानसिक विकारों, उलझनों, चिंताओं आदि से ग्रस्त रहता है। इन विकारों से मुक्त होते हैं सब सामान्य हो जाता है और अनिद्रा नहीं होती। अति मानसिक श्रम करने वालों को इस संदर्भ में उपदेश देना चाहिए कि वे अधिक मानसिक श्रम ना करें। दिमाग को विश्राम देने के लिए प्रकृति ने निद्रा की उत्पत्ति की है। न केवल दिमाग बल्कि पूर्ण शरीर के जर्रे- जर्रे को निद्रा से विश्राम मिल जाता है।
अशांति निश्चय ही अनिद्रा के मूल में हो सकती है। अशांति चाहे पारिवारिक हो या अन्य किसी कारण से, बहुत बुरी होती है। अशांति नींद को कोसों दूर कर देती है। रोगी को पर्याप्त हंसी-मजाक और मनोरंजन आदि में अपना समय व्यतीत करना चाहिए। आवश्यक शारीरिक श्रम जरूर करना चाहिए। लेकिन अत्यधिक शारीरिक श्रम करना अनुचित है, अहितकर है। प्रतिदिन स्नान करना चाहिए। गर्म पानी से स्नान कभी भी नहीं करना चाहिए। गर्म पानी शरीर के लिए हानिकारक प्रभाव रखता है। हमेशा ठंडे शीतल जल स्नान करने की आदत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।
भोजन करने के बाद रात को खुले वातावरण में घूमना टहलना बेहतर रहता है। यदि रोगी प्रातः काल टहलने के लिए जाए तो रोगी के लिए अधिक लाभकर हो सकता है। प्रातःकाल भ्रमण के लिए जाने से अनेक रोगों स्वयं ही नाश हो जाता है।
रोगी ही नहीं बल्कि स्वस्थ लोगों को भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए। पौष्टिक आहार दोनों अवस्थाओं के लिए श्रेष्ठ हैं। खट्टे-मीठे, चटपटे, मिर्च-मसालेदार, बासी, अधकचरे, अधपके, बाजारू खाद्य-पेय, मादक, उत्तेजक खाद्य-पेय, गरिष्ट खाद्य, देर से पचने वाले खाद्य पदार्थ, पाचन प्रणाली को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुएं कदापि प्रयोग नहीं करनी चाहिए। चिंता, तनाव, क्रोध, मिथुन और अन्य व्यसनों से रोगी को दूर रखना चाहिए।
चिकित्सक को चाहिए कि जिन कारणों से रोगी अनिद्रा का शिकार हो रहा है या हो चुका है, उन कारणों की तलाश करें, कारणों का नाश ही सहज और सरल चिकित्सा का मूलभूत आधार है। किन्हीं कारणों से कुछ लोग नींद न आए इसलिए चाय, कॉफी या अन्य उपाय तलाशते रहते हैं। ये सब वैसे भी हानिकारक होते हैं। इनका परित्याग करना हितकर है।
अनिद्रा के रोगी को चाहिए कि वह रात को सोने से पहले सिर और हाथ-पैर भली-भाँति धोए ताकि सुखकर नींद आए। मौसम यदि सर्दी का हो तो हल्का गुनगुना पानी प्रयोग करना चाहिए। राई मिले गर्म जल में 15-20 मिनट तक पॉंव डुबोकर रखना अच्छा प्रभाव पैदा करता है। सिर पर बादाम के तेल की मालिश से अनिद्रा रोग काफूर हो जाता है। सोने के पहले समस्त मनोविकारों को भूल जाना चाहिए। इससे नींद की समस्त बाधायें समाप्त हो जाएगी और रोगी निश्चित नींद सो पाएगा।
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