एक्जिमा रोग का कारण ! एक्जिमा रोग कैसे होता है

एक्जिमा रोग का कारण

एक्जिमा रोग का कारण – एक्जिमा रोग के के प्रमुख कारणों की तह में कब्ज और पाचन विकार सर्वप्रथम रखे जा सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि एक्जिमा रोग से ग्रस्त रोगी के पहले से ही तथा रोग के दौरान भी पेट की खराबी के शिकार होते हैं। रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। सूर्य का विकिरणीय प्रभाव भी इस रोग के प्रमुख कारणों में से एक माना जा सकता है। सूर्य की तीव्र धूप से त्वचा जल जाने के फलस्वरूप त्वचा पर प्रदाह युक्त लक्षण प्रकट हो जाते हैं। रक्त में विकार उत्पन्न हो जाना अर्थात रक्त दूषित हो जाने से भी एक्जिमा रोग होना संभव है।

यह रोग किसी विशेष प्रकार के कीटाणु या बैक्टीरिया के संक्रमण से भी हो जाता है। गठिया, जोड़ों के रोग, आमवात, संधिवात के रोगी इसके शिकार हो सकते हैं। पायरिया, टॉन्सिल संबंधी उपसर्ग, अत्यधिक मदिरापान, वात संस्थान की वजह से बच्चों के दांत देर से आना, मूत्र संबंधी विकार आदि की वजह से भी रोगी एक्जिमा रोग भोगते देखे गए हैं। महिलाओं में मासिक धर्म के विकार, अत्यधिक सोडा, साबुन, चूने के संपर्क में रहने वाले लोग निश्चय एक्जिमा रोग के शिकार हो जाते हैं।

कुछ लोग पसीने से भरे वस्त्र अपने शरीर से उतारकर पसीने से लथपथ उन्हीं वस्त्रों को शरीर पर रगड़कर शरीर के पसीने को पोंछने लगते हैं। यह अनुचित है। इससे भी यह रोग हो सकता है। पसीना पोंछना हो तो अलग से धुले हुए सूती कपड़ों से पोंछना चाहिए और उन कपड़ों को दोबारा पसीना पोछने के लिए कदापि प्रयोग नहीं करना चाहिए।

अनुचित खान-पान, आहार-विहार, रहन-सहन, माता के दूध में गड़बडी होना आदि से भी एक्जिमा रोग होना संभव है। एक स्थान के एक्जिमा घाव का स्त्राव बहकर स्वस्थ शरीर के दूसरे भागों को भी रोग ग्रस्त कर देता है। इस रोग के तेजी से फैलने का यही सबसे प्रमुख कारण समझा जाता है।

बच्चों को होने वाले एक्जिमा का प्रमुख कारण बच्चों की पाचन शक्ति में कमी हो जाना या गड़बड़ी हो जाना, आंखों में कृमियों का प्रबल संक्रमण होता है। नाड़ी संस्थान की गड़बड़ी तथा मधुमेह रोग के कारण भी एक्जिमा होता है। एलर्जी से होने वाला रोग खान-पान, रहन-सहन पर निर्भर है।

कुछ विशेष प्रकार के वस्त्र पहनने या सौंदर्य प्रसाधनों को प्रयोग करने से भी यह रोग हो सकता है। कुछ विशेष प्रकार की औषधियों की एलर्जी की वजह से भी एक्जिमा रोग के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। सफाई के अभाव से भी शरीर में इस रोग का प्रभाव हो सकता है।

एक्जिमा के कुछ प्रकारों में अभी तक किसी विशेष कारण का पता नहीं लगा है। अधिकांश मामलों में इसको एलर्जिक रोग की संज्ञा दे दी जाती है। क्रीम, पाउडर की एलर्जी, रबर अथवा प्लास्टिक के जूतों की एलर्जी, केश काला करने वाले द्रव्यों की एलर्जी, घड़ियाँ, कृत्रिम धागों से बने वस्त्र आदि के अलावा सल्फा एवं पेनिसिलिन औषधियां इस स्तर में रखी जा सकती है, जिन से एलर्जी हो जाने से एक्जिमा रोग हो सकता है।

जो लोग साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते और अपने शरीर पर एक ही वस्त्र कई-कई दिन तक धारण किये रहते हैं और पहने हुए वस्त्र को दुबारा पहन लेते है ऐसे लोग एक्जिमा के शिकार हो जाते है। जो लोग प्रतिदिन स्नान नहीं करते, स्नान बिना साबुन के ही कर लेते है, जो लोग गंदे बिछौने और गंदे बेडशीट का प्रयोग करते है उन्हें एक्जिमा रोग भोगना ही पड़ता है।

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