
कमर दर्द का लक्षण
कमर में तीव्र पीड़ा होती है।
कमर हिलाने अथवा दबाने से भी पीड़ा होती है।
कुछ रोगी निरंतर वेदना की शिकायत करते हैं।
कुछ रोगियों को रह-रहकर दर्द उठता है
कुछ रोगी को ज्वर भी रह सकता है अथवा नहीं भी हो सकता है।
कमर का दर्द अकेले होता है अथवा अन्य बात रोगों के साथ होता है।
तीव्र दर्द के मारे रोजे का चलना, फिरना, उठना-बैठना कठिन हो जाता है।
रोगी कमर सीधी नहीं कर पाता, कमर पकड़ कर चलता है।
कमर में जकड़न अनुभव होती है।
रोगी बेचैनी अनुभव करता है और उसका मन किसी भी काम को करने में नहीं लगता।
पेट की जांच करने पर नाभि खिसकी मिलती है।
एक्सरे में दोनों ‘सेक्रोइलियक ज्वाइंट’ में असामान्य परिवर्तन दिखाई दे सकता है।
ई. एस. आर. वृद्धि संभावित हैं।
रोगी तीव्र अवस्था के कमर दर्द में स्वयं पाखाना तथा मूत्र त्याग के लिए भी उठ नहीं पाता।
अस्थि दुर्बलता मिलती है।
श्वेत प्रदर और मासिक धर्म की विकृति की संभावना हो सकती है।
कमर दर्द के घरेलू उपाय
तेल में मोम और थोड़ा नमक मिलाकर गर्म करके मालिश करने से कमर दर्द चला जाता है।
कपूर, अफीम और सरसों का तेल मिलाकर गर्म करके मालिश करने से कमर दर्द नहीं रहता।
दालचीनी का तेल प्रयोग करने से लाभ होता है।
मीठे तेल में कपूर मिलाकर गर्म करके मालिश करना हितकर होता है।
अजवाइन डालकर पकाए हुए सरसों के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
मिट्टी तेल की मालिश करने से कमर दर्द चला जाता है।
सरसों के तेल में लहसुन जलाकर मालिश करने से कमर दर्द में लाभ होता है।
ब्रांडी 1-2 तोला लेकर कमर में मालिश करने से लाभ हो जाता है।
तारपीन के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
कड़वे तेल अथवा मीठे तेल में सोंठ पकाकर मालिश करने से लाभ होता है।
चोब चीनी, असगंध और सोंठ 1-1छटाँक पीसकर 6 मासा रात को सोते समय दूध के साथ प्रयोग करने से कमर दर्द नष्ट हो जाता है।