कुष्ठ रोग के उपाय ! कुष्ठ रोग का घरेलू उपचार

कुष्ठ रोग के उपाय

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कुष्ठ रोग स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों को अधिक होता है। इस रोग के कीटाणु शरीर की कटी-फटी त्वचा से लेकर शरीर में प्रवेश करते हैं। यह भयंकर छूत का रोग है। यह रोगी की पीप, थूक तथा बलगम आदि के संपर्क में आने मात्र से हो सकता है। स्वस्थ व्यक्ति यदि रोगी के साथ रहता है तो जल्दी ही वह भी कुष्ठ रोग का शिकार हो जाता है। जितना हो सके कुष्ठ रोगी से दुरी बनाकर रहना चाहिए। जरुरी नहीं कि कुष्ठ रोगी के स्पर्श से ही कुष्ठ फैलता है। कुष्ठ रोगी के निकट रहने से भी कुष्ठ रोग हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है कुष्ठ रोग के उपाय

1.- लहसुन की पोथी और नमक बराबर मात्रा में पीसकर उबलते घी में मिलाकर आधा तोला सुबह-शाम सेवन करने से कुष्ठ रोग चला जाता है।

2.- लहसुन को नौसादर के साथ पीसकर लगाने से श्वेत कुष्ठ नहीं रहता।

3.- लहसुन को सरसों के तेल में तलकर खाने से कुष्ठ रोग तथा अन्य चर्म रोग चले जाते हैं।

4.- गंधक का चूर्ण और जवाखार का चूर्ण सरसों के तेल में पीसकर लगाने से कुष्ठ रोग चला जाता है।

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कुष्ठ रोग के प्रमुख लक्षण

कुष्ठ रोग के प्रमुख कारण

5.- मैनसिल, इलायची, काली मिर्च, तेल तथा आक का दूध पीस लें और कुष्ठ रोग पर लगायें।

6.- अरंड के पत्ते पाठे में पीसकर मालिश करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है।

7.- भांग के पत्तों को शहद, घी और मिश्री के साथ खाने से समस्त कुष्ठ रोग नष्ट हो जाते हैं।

8.- बावची को पीसकर अदरक के रस की पुट दें और कुष्ठ रोग में लगायें।

9.- 4 किलो आक की जड़ की छाल एकत्र कर लें और एक मिट्टी के बर्तन में डाल दें। उसके पश्चात एक पाव गेहूं की पोटली सफेद कपड़े में बांधकर उस बर्तन में डाल दें। उसके बाद बर्तन में एक तिहाई जल भरकर बर्तन का मुख बंद करके कपड़मिट्टी कर दें। इसके पश्चात इस बर्तन को घोड़े की लीद में 21 दिनों तक गाड़ दें। उसके बाद निकालकर यदि उसमें पानी शेष हो तो जला कर सुखा दें। पोटली की 61 गोलियां बनाएं। अब यह गोली एक-एक दिन में दो बार कुष्ठ रोगी को दें।

10.- तांबे के बर्तन में अमचूर को थोड़ा सा सेंधा नमक और पानी डालकर घोंट ले और कुष्ठ पर लेप करें।

11.- टके भर जीरा, 5 टके सिंदूर सरसों के तेल में घोटकर मंद आग में पकाकर कुष्ठ पर लेप करें। इससे आशातीत लाभ होगा।

12.- आक का रस, हल्दी के काढ़े का रस, सरसों का तेल मिलाकर खूब पका लें। जब पानी शेष रह जाए तो खुद पर लेप कर दें।

13.- कूट, सेंधा नमक, सरसों, पवाड के बीच, बायविडंग बराबर मात्रा में लेकर कांची अथवा मट्ठे में पीस लें और लेप करायें।

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