मलेरिया के घरेलु उपाय ! 18 मलेरिया नाशक अचूक उपाय

मलेरिया के घरेलु उपाय

नमस्कार दोस्तों। इससे पहले पोस्ट में मैं आपको बताया था मलेरिया रोग का घरेलू चिकित्सा मलेरिया एक संक्रामक रोग है। मलेरिया रोग को फ़ैलाने में प्रोटोजोआ परजीवी का योगदान होता है। मलेरिया रोग मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने पर जीवाणु कोशिकाओं में प्रवेश कर जाता है और वही अपना वंश वृद्धि करने लगता है। मलेरिया होने पर सांस फूलना, चक्कर आना की शिकायत रहती है। इसके अतिरिक्त सर्दी, बुखार और जुकाम भी हो जाता है। कुछ लोगों को मलेरिया में बेहोशी भी आ जाती है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है मलेरिया के घरेलु उपाय

1.- परवल के पत्ते, इन्द्रयव, गुरुच, हड़ की छाल, जवासा, नींबू की छाल बराबर- बराबर लेकर कूट लें और दो ग्राम 7 दिन तक सेवन करायें।

2.- चिरायता, कुटकी, नीम की छाल, वायबिडंग, निशोथ, पीपल, सोंठ, हड़ की छाल, बराबर-बराबर लेकर कूट-पीसकर कपड़छान कर लें और 1 ग्राम मात्रा जल से नित्य मलेरिया ज्वर में 7 दिन तक सेवन करायें।

3.- वन तुलसी के बीजों का शरबत बनाकर सेवन कराने से विषम ज्वर चला जाता है।

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4.- वन तुलसी के पत्ते 3, काली मिर्च 2 पीसकर शहद मिलाकर मलेरिया के रोगी को पांच-छह बार चाटने को दें। निश्चय ही लाभ होगा।

5.- वन तुलसीपत्र के स्वरूप में सोंठ और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करायें। मलेरिया में निश्चय ही लाभ होगा।

6.- विषम ज्वर में रोगी के हाथ-पैर ठंडे हो जायें तो तुलसी पत्र स्वरस को अथवा कल्क को हाथ-पैर में मलने से आराम मिलता है।

7.- मलेरिया ज्वर में यदि शरीर ठंडा पड़ जाए तो रोगी के हाथ-पैर में ‘कैस्टर ऑयल’ की मालिश करें।

8.- हाथ-पैर ठंडे हो जाने पर लहसुन की कलियां और अजवायन सरसों के तेल में मिलाकर सहता-सहता मालिश करने का निर्देश दें।

9.- काली मिर्च, तुलसी के पत्ते बराबर-बराबर लेकर खरल कर लें और चने के बराबर गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली ज्वर आने से एक-दो घंटा पहले जल के साथ सेवन करायें। यह पहले ही दिन देने से कम्पन थम जाता है।

10.- धतूरे के बीज और तुलसी पत्र समान मात्रा में लेकर खरल करें और मूंग के बराबर गोलियाँ बना लें और एक-एक गोली ज्वर आने के 4 घंटे पूर्व दें। एक मात्रा के बाद दूसरे मात्रा के बीच 1 घंटे का अंतराल रखे। इसका अनुमान तुलसी स्वरस है।

11.- तुलसी पत्र का स्वरस 12 एम. एल. लेकर उसमें 6 काली मिर्च मिलाकर सेवन करायें। इसकी चाय बना कर भी दे सकते हैं। लाभ होगा।

12.- प्रवालपिष्टी 5 ग्राम, गिलोय सत्व 10 ग्राम, मिश्री 15 ग्राम मिलाकर पांच पूड़ियाँ बना लें और 3 घंटे के अंतराल से सेवन करायें।

13.- महालक्ष्मी विलास रस 1 ग्राम, गोदंती भस्म 2 ग्राम की एक मात्रा दिन में 2 बार शहद के साथ दें।

14.- जीरा, सोंठ और गुड़ पीसकर गर्म जल अथवा मठ्ठे के साथ पीने से लाभ होता है।

15.- चिरायता, कुटकी, निशोथ, नेत्रबाला, पीपल, सोंठ, वायबिडंग, कड़वी तुम्बी और हरड़ का काढ़ा बनाकर देने से मलेरिया का नाश हो जाता है।

16.- द्रोण पुष्पी के रस में मिश्री और जीरा मिलाकर 4 तोला पीने से मलेरिया नहीं रहता।
काला जीरा और गुड़ समान भाग लेकर और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन कराने से विषम ज्वर चला जाता है।

17.- परवल, इन्द्रयव, अनंतमूल, नीम, हरड़, गिलोय और सुगंधबाला का काढ़ा बनाकर मलेरिया रोगी को सेवन कराने से आशातीत लाभ होता है।