प्याज के औषधीय गुण | प्याज खाने के फायदे

Pyaj,Onion

प्याज हमारे किचन का एक मुख्य आहार है। प्याज सब्जी और सलाद के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। प्याज के बिना हमारे भोजन, साग, सब्जी और सलाद नहीं बन सकते है। प्याज के बिना सब्जी स्वादिष्ट नहीं बनती। भले ही प्याज काटने से हमारे आँखों से आसु निकल जाते है इसके बावजूद हमलोग प्याज को काटते है क्योंकि प्याज के बिना सब्जी और सलाद नहीं बन सकते है।
प्याज के रोगो में उपयोग
रतौंधी – सुबह शाम दिन में दो बार आंखों में प्याज का रस अंजन करने से रतौंधी ठीक हो जाती है।
धुन्ध, जाला, गुबार तथा नाखूना आदि रोग भी ठीक हो जाते हैं। नियमित प्रयोग करना चाहिए।
शहद में प्याज का रस मिलाकर आंखों में अंजन करने से आंखों के अनेक रोग धुंधलापन है पानी आना कड़कड़ाहट चिपचिपा ना और नजला का रोग ठीक हो जाता है।
कान का दर्द – प्याज का रस हल्का सा गर्म करके कान में डालें दो-तीन दिन तक ऐसा करने से कान का दर्द ठीक हो जाएगा
दमा श्वास रोग – सफेद प्याज का रस, ग्वारपाठे के गूदे का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर किसी कांच की शीशी में भरकर ढक्कन लगाकर 3 दिनों के लिए साफ सुथरी जमीन में गाड़ दें। चौथे दिन निकाल कर इस औषध को दिन में तीन बार सुबह दोपहर शाम 5 ग्राम की मात्रा में दें ऐसा करने से दमा श्वास रोग समाप्त हो जाएगा।
परहेज – मिठाई, उड़द के दाल, तले हुए पदार्थ, मिर्च, तेज मसालों का सेवन, बासी और गरिष्ठ भोजन, नया अनाज, ठंडा या बासी पानी, नमी, धूल और धुएं वाले स्थानों पर निवास से परहेज करना चाहिए।
फोड़ा – फोड़ा पककर वेदना पैदा कर रहा हूं तो प्याज को कूटकर उसमें हल्दी, घी, गेहूं  का आटा और पानी मिलाकर पुल्टिस बनाएं और किंचित गर्म-गर्म ही फोड़े पर बांध दे , फोड़ा फुटकर मवाद निकल जायेगा।
सर्पदंश – प्याज को कूटकर उसका रस निकाल ले। उस रस में सरसों का तेल 15 ग्राम लेकर भली-भांति मिला लें, यह रोगी की एक खुराक है। रोगी को आधा-आधा घंटे के अंतर से 3 खुराक देने से सर्पविष उतर जाएगा।
दांतो का क्षय – यदि आपको दांतो का क्षय हैं तो कच्चा प्याज खाने से  दांतो का क्षय सांस की दुर्गंध नष्ट हो जाती है
लकवे में प्याज का सेवन करें
दिल के दौरे पड़ना – प्याज के कुछ टुकड़े को तल लें।  प्रतिदिन सुबह के समय उचित मात्रा में नाश्ते के रूप में लेने से दिल के दौरे नहीं पड़ेंगे।
स्वप्नदोष – सफेद प्याज का रस 10 ग्राम, अदरक का रस 8 ग्राम और 5 ग्राम शहद तीनों पदार्थ आपस में मिला लें। इस मिश्रण में 3 ग्राम घी डालकर भली-भांति मिलाएं। प्रतिदिन इसे रात में लेना चाहिए।
भोजन करते समय कम से कम एक कच्चा प्याज खाने से हृदय की धड़कन सामान्य हो जाती है और हृदय को शक्ति मिलती है।
लू से बचाव – लू से बचाव करने के लिए गर्मी के दिनों में भोजन के साथ कच्ची प्याज का सेवन करना  चाहिए।
हैजा से बचाव – नींबू और अदरक का रस सेंधा नमक और पीसी काली मिर्च मिलाकर दिन में 3-४ बार पीते रहने से हैजा नहीं हो पाएगा।
पथरी – प्याज के रस में पिसी हुई मिश्री डालकर शरबत बनाये और पी जायें कुछ दिनों में पथरी चुरा होकर निकल जाएगी।
दस्त और मरोड़ – (1) यदि आप दस्त की समस्या से परेशान हैं तो 2 चम्मच प्याज के रस में सरसों के दाने के बराबर अफीम मिलाकर इसको सेवन करने से मरोड़ और दस्त रुक जाएंगे।
(2) प्याज के रस को नाभि पर लेप करने से दस्त बंद हो जाते हैं।
(3) दस्त में खून या आव जी भी आ रही हो तो प्याज के टुकड़े दही के साथ खाने चाहिए।
नशा कम करने के लिए रोगी व्यक्ति को एक कप प्याज का रस पीना चाहिए।
दांत दर्द – (1) दांत दर्द होने की स्थिति में प्याज का टुकड़ा दर्द के स्थान पर रखें मसूड़े फूलने पर प्याज का रस मसूड़ों पर रगड़े।
(2) प्याज के टुकड़ों के साथ कलौंजी चिलम में भरकर पीने से मसूड़ों की सूजन और दांतों का दर्द ठीक हो जाता है।
आंखों में जाला पड़ना – प्याज के रस में रुई की बत्ती भिगोकर छाया में सुखा लें और तिल के तेल के दीपक में डालकर काजल बनाकर रात को सोते समय लगाएं इसको लगाने से पुतली पर सफेद जाला हट जाएगा।
मिर्गी आना – रोगी को प्याज सुंघाने से चेतना जल्दी ही आ जाती है। प्याज के रस में पानी मिलाकर रोग  अवस्था अनुसार पिलाते रहने से मिर्गी के दौरे पड़ना सदा के लिए समाप्त हो जाता है।
पेट के रोग – प्याज के सेवन से अफारा, मंदाग्नि, अजीर्ण, भोजन के प्रति अरुचि, पित्ताशय की गड़बड़ी  दूर होती है और भोजन के प्रति रुचि बढ़ती है।
कान का दर्द – प्याज का रस हल्का गर्म करके कान में टपकायें इससे बहरापन, दर्द और पीप निकलना बंद हो जाएगा
खून की कमी – प्याज का अधिक सेवन खून की कमी को दूर करता है क्योंकि प्याज में विटामिन ‘सी’ आयरन, तांबा, गंधक आदि शरीर को शक्ति देने वाले पदार्थ रहते हैं।