रतौंधी के कारण लक्षण और घरेलू उपचार

रतौंधी (Night Blindness) के घरेलू उपचार

aankh ki roshni, blindness, netra jyoti, Night blind, night blindness, ratondhi, ratondhi ka gharelu upay, ratondhi ka ilaj in hindi, रतौंधी,ratondhi ka upchar

रतौंधी पूरे विश्व के मुकाबले हमारे देश में अधिक है। इसका मुख्य कारण है – गरीबी। गरीबी के कारण हमारे देश के लोगों का भोजन संतुलित नहीं है। संतुलित भोजन का मतलब है ऐसा भोजन जिसमें समस्त जीवनीय तत्व, विटामिन, मिनरल्स मौजूद हो। यही वजह है कि हमारे देश में अन्य देशों की अपेक्षा नेत्र रोगी अधिक हैं जिसमें रतौंधी भी सम्मिलित है।

इस रोग का रोगी रात को अंधेरे में अथवा कम रोशनी में देख पाने में असमर्थ हो जाता है। हमारे देश में अनेक लोग इस रोग के शिकार मिल जायेंगे। रतौंधी के अधिकांश रोगी सूर्यास्त के बाद अंधे जैसी स्थिति में आ जाते हैं। लेकिन दिन की रोशनी में रोगी बराबर देखता है। उसे समस्त वस्तुएँ और दृश्य आदि साफ-साफ दिखाई पड़ते हैं। रोगी को किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होता। यह रोग बहुत जिद्दी और दुष्ट प्रवृत्ति का होता है एक बार जो भी स्त्री-पुरुष या बच्चा इसका शिकार हो जाता है, आसानी से रोगी का साथ नहीं छोड़ता।

इस रोग से ग्रस्त रोगी मजबूर होकर सूर्यास्त के पहले ही अपने समस्त कामकाज समेटकर घर लौट जाते हैं। अगर कहीं देर हो गई और सूर्यास्त हो गया तो उन्हें अंधों की भाँति किसी अन्य व्यक्ति का सहारा लेकर घर आने की नौबत आ जाती है। कई रोगी घर के दीपक की रोशनी में थोड़े बहुत हाथ-पावँ चला लेते हैं, लेकिन अधिकांश रोगी दीपक की रोशनी में भी देख नहीं पाते। लेकिन तेज बल्ब और विशेष करके ट्यूब लाइट में वे बखूबी देख सकने में समर्थ हो जाते हैं। यहां तक कि रोगी रात को बल्ब अथवा ट्यूबलाइट की रोशनी में थोड़ी-बहुत लिखा-पढ़ी का काम भी कर लेता है।

रतौंधी का कारण और लक्षण

एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार इस रोग का प्रमुख कारण विटामिन ‘ए’ की कमी है। यह जन्मजात भी होता है। जिन रोगियों को बचपन से ही हरे पत्ते वाली सब्जियाँ, पीले फल, दूध सहित पौष्टिक तथा संतुलित भोजन नहीं मिलता वे रतौंधी के शिकार हो जाते हैं। यह रोग कफ के प्रकुपित हो जाने के परिणामस्वरूप भी होता है। आँख की काली पुतली दृष्टि का केंद्र होती है। यह केंद्र चार पटलों से ढका रहता है। ये चारों पटल काफी पतले और महीन होते हैं। इन्हीं चारों में से तीसरे पटल में जब कफ छा जाता है। तब रोगी को दिखाई देना बंद हो जाता है।

लेकिन रोगी दिन को सूर्य के प्रकाश में सब कुछ ठीक-ठीक देखता है, लेकिन रात को उसके दृष्टि शून्य हो जाती है। उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता। लेकिन कमरे में आने पर तेज बल्ब अथवा ट्यूबलाइट की रोशनी में रोगी को सब कुछ दिखने लगता है। रतौंधी के ठीक विपरीत दिनौंधी होती है। इसमें रोगी को रात को चंद्रमा की रोशनी में सब कुछ दिखाई पड़ता है पर सूर्य की रोशनी में उसको एकदम दिखाई नहीं देता। चिकित्सा शास्त्री इसकी वजह दृष्टी केंद्र के तीसरे पटल पर पित्त का छा जाना कहते हैं। दिनौंधी में रोगी दिन को तो अंधों जैसी स्थिति में रहता है लेकिन रात को वह केवल चंद्रमा की शीतल रोशनी में ही देख पाता है।रतौंधी का रोगी सूर्य की रोशनी में देख पाता है पर रात को उसको कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता।

रतौंधी का घरेलू उपचार

1.- रतौंधी रोग में प्याज बहुत फायदेमंद है। प्याज का रस आँखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाता है। जब तक रतौंधी न ठीक हो जाय तब तक प्याज का रस डालते रहें।

2.-सौंफ में रतौंधी को समाप्त करने की क्षमता होती है। अगर आप गाजर के रस और हरी सौंफ का रस को मिलाकर आँखों में डालते है तो रतौंधी समाप्त हो जाएगी। इस उपाय को करने से आँखों की ज्योति भी बढ़ जाती है।

3.-जब भी आप अपना चेहरा धोते है, उस समय मुँह में कुल्ला भरकर आँखों पर पानी की छींटे मारे। आँखों पर पानी के छीटें मारने से नेत्र ज्योति बढ़ जाती है और रतौंधी होने का सम्भावना काम जाती है।

नाइट शिफ्ट करने के 10 बड़े नुकसान

4.-भोजन में हरी सब्जी, दूध, पनीर और मौसमी फल का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करने से कभी भी रतौंधी रोग नहीं होता है।

5.-नदी या तालाब में नहाते समय पानी में डुबकी लगा लें और पानी के अंदर ही आँखों से देखने का प्रयास करें यह प्रयोग करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है।

6.-रतौंधी को समाप्त करने के लिए केले के पत्ते का रस आँखों में लगाना चाहिए।

7.-रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण दाल दें। सुबह उठकर पानी को छानकर अलग कर लें। इस पानी से आँखों पर छीटा मारें। यह प्रयोग करने से रतौंधी नष्ट हो जाता है।

गर्म पानी पीने के 13 फायदे

8.-टमाटर रतौंधी में बहुत लाभदायक है। रोज दिन टमाटर खाने से रतौंधी नहीं होता है। टमाटर का रस पिने से रतौंधी समाप्त हो जाता है।

9.-सुबह उठकर हरी घास पर नंगे पैर टहलना चाहिए। इस प्रयोग से नेत्र ज्योति बढ़ जाती है।

10.-कालीमिर्च और चीनी पीसकर खाने से 4 दिन में रतौंधी ठीक हो जाता है। कालीमिर्च में नेत्र ज्योति बढ़ाने की क्षमता होती है। कालीमिर्च को दही के साथ पीसकर आँखों में लगाना चाहिए। इस उपाय से रात में साफ साफ दिखाई देता है।

11.-हरे पत्ते, फल या कोई भी वस्तु को देखने से आँखों की रौशनी बढ़ती है।

18 मलेरिया नाशक अचूक उपाय

12.-रात में चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा डालने का प्रयास करें। यह प्रयोग करने से रतौंधी ठीक हो जायेगा और आँखों की रौशनी भी बढ़ जाएगी।

13.-रतौंधी को जड़ से ठीक करने के लिए छोटी पीपल को गौमूत्र में घिसकर रोज दिन आँखों में अंजन करना चाहिए।

14.-रतौंधी होने पर पालक का जूस पियें और हरी सब्जियाँ प्रचुर मात्रा में खायें।

15.-रतौंधी के रोगी को भरपूर नींद लेना चाहिए। कम सोने से भी आँखों की रौशनी घट जाती है। इसलिए रतौंधी में कम से कम 8 घंटे जरूर सोना चाहिए।

16.-धुप में निकलने से पहले सनग्लास पहन लें। सनग्लास पहनने से रतौंधी होने की सम्भावना कम हो जाती है।

17.-नजर तेज करने के लिए अंगूर खाना चाहिए। अंगूर खाने वाले लोगों को रतौंधी बहुत कम होती है।

रतौंधी के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

1.-TV को निकट से नहीं देखना चाहिए। अगर आप निकट से TV देखते है तो आपकी आँखे की रौशनी बहुत जल्द कम होने लगेगी।

2.-अगर आपको धुप में पैदल चलना है तो अपने सिर पर कोई तौलिया, रुमाल या टोपी रख लें।
अपनी आँखों को तेज धुप, धुंए और धूल से बचाकर रखें।

3.-आप computer या मोबाइल का इस्तेमाल करते है तो उसका ब्राइटनेस कम रखें। ब्राइटनेस बढाकर रखने से आँखों को नुकसान पहुँचता है।

4.-अगर आप कंप्यूटर पर काम करते है तो कंप्यूटर को लगातार नहीं देखते रहे। 1 मिनट पर आँखों की पलकें को जरूर झपकायें। कंप्यूटर पर आधे घंटे काम करने के बाद 1-2 मिनट के लिए आँखों को आराम दें।

5.-सूर्य की ओर सीधी आँखे से नहीं देखें।

6.-धुप में चलना हो तो सनग्लास का प्रयोग जरूर करें। सनग्लास पहनकर चलने से आँखों पर जोर नहीं पड़ता है।

आपके मन में कोई भी सवाल या कोई विचार है तो निचे Comment Box में लिखें। दोस्तों अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया है तो Facebook और Whatsapp पर जरूर शेयर करें। धन्यवाद